Saturday, August 15, 2009
Friday, August 14, 2009
Wednesday, August 5, 2009
Tuesday, August 4, 2009
छोटू सबका नाना है
चंदा मामा आएगा
दूध मलाई लाएगा
तुमको खूब खिलायेगा
मुन्ना अचरज से बोला
चंदा मेरा मामा है!
तो फिर मम्मी का भाई
पर मम्मी तो कहती है
उसका कोई भाई नहीं
तुम मुझको बहलाती हो
झूठी बात सिखाती हो
पापा को बतलाऊंगा
साथ कभी न आऊंगा
चंदा दूर चमकता है
वह कैसे घर आ सकता !
दादी थी अब सकते में
अकल ठिकाने रही नहीं
मुन्ने को बहलाने में
ख़ुद ही फँस गई घेरे में
बूढ़ी बगले झांक रही
अपना मुंह ख़ुद ताक रही ।
दादी अपना ढब बदलो
बच्चा बड़ा सयाना है
छोटू सबका नाना है।
---------------रवीन्द्र दास की कविता, साभार
Posted by अपराजिता 'अलबेली' at 3:42 AM 0 comments
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